Background of Commission
आयोग की पृष्ठभूमि
The Estimates Committee of the Parliament, in its 47th Report (1967-68), recommended the setting up of a Service Selection Commission for conducting examinations for recruitment to lower categories of posts. Pursuant to this, and as an interim measure, an Examination Wing was initially added to the Secretariat Training School, subsequently renamed as the Institute of Secretariat Training and Management (ISTM).
The Administrative Reforms Commission (ARC), in its Report on Personnel Administration, drew attention to the fact that bulk of the staff of the Government at the Centre and in the States belonged to Class III and Class IV categories. Referring in particular to the identical nature of qualifications stipulated for entry into such posts in various offices, the Commission advocated pooling of the requirements of non-technical posts by different Departments and selection of personnel either by joint recruitment or through a recruitment board. It was in pursuance of this recommendation that the Government of India decided to constitute a Subordinate Services Commission under an Executive Resolution.
The Government of India, in the Department of Personnel and Administrative Reforms vide its Resolution No. 46/1(S)/74-Estt.(B) dated the 4th November, 1975 constituted a Commission called the Subordinate Services Commission which has subsequently been re-designated as Staff Selection Commission effective from the 26th September, 1977 to make recruitment to various Class III (now Group “C”) (non-technical) posts in the various Ministries/Departments of the Govt. of India and in Subordinate Offices. The functions of the Staff Selection Commission have been enlarged from time to time and now it carries out the recruitment also to all Group “B” posts in the pay scale of Rs 9300 to 34800 with a grade pay of Rs 42000 The functions of the Staff Selection Commission were redefined by the Government of India, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions vide its Resolution No.39018/1/98-Estt.(B) dated 21st May 1999 (may be seen under the heading Resolution). The new constitution and functions of the Staff Selection Commission came into effect from 1st June 1999.
The Staff Selection Commission is an attached office of the Department of Personnel and Training and comprises of Chairman, two Members and a Secretary-cum-Controller of Examinations who are appointed on such terms and conditions as may be prescribed by the Central Government from time to time. The Commission is provided such supporting staff as considered necessary by the Central Government.
संसद की प्राक्कलन समिति ने अपनी 47वीं रिपोर्ट (1967-68) में अवर श्रेणी के पदों पर भर्ती हेतु परीक्षाएं आयोजित करने के लिए सेवा चयन आयोग के गठन की सिफारिश की थी। इसके अनुसरण में, अंतरिम उपाय के रूप में प्रारंभ में सचिवालय प्रशिक्षण स्कूल में परीक्षा विंग को जोड़ा गया, बाद में इसे सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) के रूप में पुनः नामित किया गया।
प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) ने कार्मिक प्रशासन पर अपनी रिपोर्ट में इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया कि केंद्र और राज्यों में सरकार के अधिकांश कर्मचारी वर्ग III और वर्ग IV श्रेणी के हैं। आयोग ने विभिन्न कार्यालयों में उक्त पदों पर भर्ती के लिए निर्धारित योग्यताओं की समान प्रकृति का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए विभिन्न विभागों में अपेक्षित गैर-तकनीकी पदों का संयोजन करने और संयुक्त भर्ती अथवा भर्ती बोर्ड के माध्यम से कार्मिकों के चयन का समर्थन किया। यह इस सिफारिश के अनुसरण में था कि भारत सरकार ने एक कार्यकारी संकल्प के तहत अधीनस्थ सेवा आयोग का गठन करने का निर्णय लिया था ।
भारत सरकार, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग के दिनांक 4 नवंबर, 1975 की संकल्प संख्या 46/1 (एस) / 74-स्था. (बी) द्वारा अधीनस्थ सेवा आयोग नामक आयोग का गठन किया गया, जिसे बाद में सरकार के विभिन्न मंत्रालयों / विभागों एवं अधीनस्थ कार्यालयों में विभिन्न वर्ग III (अब समूह "सी") (गैर-तकनीकी) पदों पर भर्ती करने हेतु 26 सितंबर, 1977 से कर्मचारी चयन आयोग के रूप में पुन: नामित किया गया । कर्मचारी चयन आयोग के कार्यों का समय-समय पर विस्तार किया जाता है और अब यह 4200/- रुपये के ग्रेड पे पर 9300 से 34800/- रुपये के वेतनमान में सभी समूह 'बी' पदों पर भी भर्ती करता है। भारत सरकार, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के दिनांक 21 मई 1999 की संकल्प संख्या 39018/1/98-स्था. (बी) द्वारा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यों को पुनर्परिभाषित किया गया (शीर्षक संकल्प के अंतर्गत इसे देखा जा सकता है)। कर्मचारी चयन आयोग का नवीन स्वरूप और कार्य 1 जून 1999 से लागू किया गया।
कर्मचारी चयन आयोग कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग का एक संबद्ध कार्यालय है और इसमें अध्यक्ष, दो सदस्य और एक सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक शामिल हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर यथा निर्धारित नियमों और शर्तों पर नियुक्त किया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक समझे जाने पर आयोग को सहायक अधिकारी/कर्मचारी प्रदान किए जाते हैं।